वीडियो जानकारी:<br /><br />शब्दयोग सत्संग<br />१३ अप्रैल २०१६<br />अद्वैत बोधस्थल, नॉएडा<br /><br />प्रसंग:<br />अपनी मजबुरी को हम स्वीकार करना क्यों नहीं चाहते है?<br />अपना छोटापन को स्वीकार करना क्यों नहीं चाहता हूँ?<br />बंधन चाहने से बंधन मिलता है और मुक्ति चाहने से भी बंधन ही मिलता है